B-2 स्टील्थ बमवर्षक: अमेरिका का वो हथियार जिसने ईरान की परमाणु साइटों को बनाया निशाना



बी-2 स्टील्थ बमवर्षक: अमेरिका का वो हथियार जिसने ईरान की परमाणु साइटों को बनाया निशाना

हाल ही में विश्व की नजरें मध्य पूर्व पर टिकी थीं, जब अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल करके ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइटों—फोर्डो, नातांज, और इस्फहान—पर हमला किया। इस हमले ने न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाया, बल्कि बी-2 बमवर्षक की तकनीकी श्रेष्ठता और सामरिक महत्व को भी दुनिया के सामने लाया। आइए, इस ब्लॉग में जानते हैं कि बी-2 स्टील्थ बमवर्षक क्या है, इसकी विशेषताएं क्या हैं, और यह ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने में कैसे सक्षम हुआ।


बी-2 स्ट्थ बमवर्षक क्या है?

बी-2 स्पिरिट, जिसे आमतौर पर बी-2 स्टील्थ बमवर्षक के नाम से जाना जाता है, अमेरिकी वायुसेना का सबसे उन्नत और महंगा सैन्य विमान है। इसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कंपनी ने 1980 के दशक में विकसित किया था, और इसका मुख्य उद्देश्य शत्रु के रडार सिस्टम को चकमा देकर गहरे ठिकानों पर सटीक हमले करना है। इसकी अनूठी डिजाइन और तकनीक इसे लगभग "अदृश्य" बनाती है, जिससे यह दुश्मन के हवाई रक्षा तंत्र को आसानी से भेद सकता है।


- निर्माण और लागत: बी-2 का निर्माण 1988-89 में शुरू हुआ। प्रत्येक विमान की कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर (लगभग 3.24 बिलियन AUD) है, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा सैन्य विमान बनाता है। कुल 21 बी-2 विमान बनाए गए, जिनमें से 19 अभी भी संचालित हैं।

- डिजाइन: इसका "फ्लाइंग विंग" डिजाइन रडार किरणों को अवशोषित करता है, जिससे यह रडार पर आसानी से पकड़ में नहीं आता। विमान के पंखों का आकार और सामग्री इसे इन्फ्रारेड सेंसरों से भी बचाने में मदद करती है।

- चालक दल: बी-2 को दो लोग संचालित करते हैं—एक पायलट और एक मिशन कमांडर।


बी-2 की प्रमुख विशेषताएं


1. रेंज और उड़ान क्षमता:

   - बी-2 बिना रिफ्यूलिंग के लगभग 11,000 किलोमीटर (7,000 मील) तक उड़ सकता है, और एक बार रिफ्यूलिंग के साथ यह 18,500 किलोमीटर (11,500 मील) तक की दूरी तय कर सकता है।

   - ईरान हमले के दौरान, बी-2 ने मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी और लगभग 37 घंटे तक नॉन-स्टॉप उड़ान भरी, जिसमें कई बार हवा में ईंधन भरा गया।


2. हथियार क्षमता:

   - बी-2 पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकता है। इसमें 40,000 पाउंड (18,000 किलोग्राम) तक का पेलोड ले जाने की क्षमता है।

   - ईरान हमले में, इसने GBU-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), जिसे "बंकर बस्टर" बम कहा जाता है, का इस्तेमाल किया। यह 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) वजन का बम 200 फीट मिट्टी या 60 फीट प्रबलित कंक्रीट को भेद सकता है।


3. रडार से बचाव:

   - बी-2 की स्टील्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार और हवाई रक्षा प्रणालियों से बचाने में सक्षम बनाती है। यह विशेष रूप से उन ठिकानों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो भारी सुरक्षा से लैस हों।


ईरान की परमाणु साइटों पर हमला

22 जून, 2025 को, अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों का उपयोग करके ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइटों—फोर्डो, नातांज, और इस्फहान—पर हमला किया। इस हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना था, जिसे अमेरिका और इज़राइल एक क्षेत्रीय खतरे के रूप में देखते हैं।


- फोर्डो पर हमला:

  - फोर्डो, ईरान की सबसे सुरक्षित परमाणु साइट, एक पहाड़ के अंदर 80-90 मीटर की गहराई पर बनाई गई है। इसे केवल GBU-57 बंकर बस्टर बम ही नष्ट कर सकता है, और बी-2 ही इसे ले जाने में सक्षम है।

  - अमेरिका ने फोर्डो पर छह GBU-57 बम गिराए, जिसके बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि यह साइट "पूरी तरह नष्ट" हो गई।


- नातांज और इस्फहान:

  - इन दो साइटों पर अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गईं।

  - ये साइटें भी ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का हिस्सा थीं, और इज़राइल ने पहले भी इन्हें निशाना बनाया था।


- हमले का प्रभाव:

  - ट्रम्प ने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम "पूरी तरह समाप्त" हो गया।

  - हालांकि, ईरान ने कहा कि हमले से कुछ नुकसान हुआ, लेकिन कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ।

  - विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो जैसी गहरी साइट को पूरी तरह नष्ट करना चुनौतीपूर्ण है, और इसके लिए कई हमले आवश्यक हो सकते हैं।


क्यों चुना गया बी-2 बमवर्षक?


1. अद्वितीय क्षमता:

   - बी-2 ही एकमात्र विमान है जो GBU-57 जैसे भारी बंकर बस्टर बम ले जा सकता है। इज़राइल जैसे अन्य देशों के पास न तो यह बम है और न ही इसे ले जाने वाला विमान।


2. रडार से बचने की क्षमता:

   - ईरान की साइटें रूसी S-300 जैसे उन्नत हवाई रक्षा तंत्र से सुरक्षित थीं, लेकिन इज़राइल ने पहले ही इनमें से कई को नष्ट कर दिया था। बी-2 की स्टील्थ तकनीक ने इसे बिना किसी रुकावट के हमला करने में सक्षम बनाया।


3. लंबी दूरी की मारक क्षमता:

   - बी-2 ने मिसूरी से ईरान तक 37 घंटे की उड़ान भरी, जो इसकी वैश्विक पहुंच को दर्शाता है।


वैश्विक प्रतिक्रिया


- इज़राइल: इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले का स्वागत किया और इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया।

- संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे "खतरनाक वृद्धि" करार दिया और कूटनीति का आह्वान किया।

- ईरान: ईरान ने हमले को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी।


निष्कर्ष

बी-2 स्टील्थ बमवर्षक अमेरिका की सैन्य शक्ति का प्रतीक है, जो अपनी उन्नत तकनीक और अद्वितीय क्षमताओं के कारण दुनिया के सबसे सुरक्षित ठिकानों को भी नष्ट कर सकता है। ईरान की परमाणु साइटों पर इसका उपयोग न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि मध्य पूर्व की भू-राजनीति को प्रभावित करने वाला एक बड़ा कदम था। हालांकि, इस हमले के दीर्घकालिक परिणाम क्या होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्या यह क्षेत्र में शांति लाएगा, या और अधिक तनाव पैदा करेगा? यह समय ही बताएगा।


नोट: यह ब्लॉग सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है और इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है।


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